बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो सभी ने होगा
कहा किसी से न होगा
लहू से सने हैं हाथ तो
ज़रूरी नहीं वो क़ातिल
गोलियाँ खाके गिरते लोगों को
किसी ने तो संभाला होगा…
बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो सभी ने होगा
कहा किसी से न होगा
है हाथ जिनके पत्थर
ज़रूरी नहीं वो पत्थरबाज़
चोट से बेहोश औलादों से
पिता ने पत्थर तो हटाया होगा
बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो सभी ने होगा
कहा किसी से न होगा
क्यों देते हैं हम बच्चों को
बंदूक खिलौना समझ के
खेल खेल में ही सही
हिंसा तो सिखाया होगा
बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो सभी ने होगा
कहा किसी से न होगा
-अंशुमाली झा
Leave A Comment
You must be logged in to post a comment.