Sapno Ka Ek Parinda
सपनों का एक परिंदा
हर पल चला उड़ता,
नई नई गलियों में
मंज़िलें नई ढूंढता.
ऊँची ऊँची इमारतों में…
न मिला आशियाँ,
भूला इस क़दर कि
खो दिया आसमाँ
सपनों का एक परिंदा
हर पल चला उड़ता,
नई नई गलियों में
मंज़िलें नई ढूंढता
[…]
सपनों का एक परिंदा
हर पल चला उड़ता,
नई नई गलियों में
मंज़िलें नई ढूंढता.
ऊँची ऊँची इमारतों में…
न मिला आशियाँ,
भूला इस क़दर कि
खो दिया आसमाँ
सपनों का एक परिंदा
हर पल चला उड़ता,
नई नई गलियों में
मंज़िलें नई ढूंढता
[…]
Kya banunga bade hokar ,
Sochta tha bachpan mein.
Kabhi police ki wardi mein,
Toh kabhi badey pardon par,
Dekhta tha khud ko
na jaane kitne rangon mein..Ab jo kaam main karta hun,
Kehata hun sab se badhiya hai,
Sach poocho toh yeh kewal,
2 paison ka ek […]
Wo bula leti hai,
Chaand ko zamee par …
Sitare bichha deti hai
apne aangan mein…
Katori mein bhar kar pyaar
Chammach se amrit pilatee hai…
Apni halki si phoonk se
bade se bada dard mitati hai…
Ishaaro par uske
nachate hain sher cheete
Raakshas bhi darte
Uski Chutkiyo se
Bhoot […]
सड़क की चीखें..जब कानों को काटती नहीं..
तो एक अजीब सा कोलाहल
रेंगता है मन में…
तनाव ढीलता है
तो कमज़ोरी कसने लगती है
ऑक्सिजन की ओवर सप्लाइ
फेफड़ों को डसने लगती है…
ऐसा लगता है…
जैसे शहर मरने लगा है मुझ में..
पहाड़ों से उलझे तारों को देख […]
बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो सभी ने होगा
कहा किसी से न होगा
लहू से सने हैं हाथ तो
ज़रूरी नहीं वो क़ातिल
गोलियाँ खाके गिरते लोगों को
किसी ने तो संभाला होगा…
बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो […]