साइकिल वाला लव

किस्से का किस्सा-3

एक थी निशा…!

सुंदर, सुशील, गृहकार्य में निपुण…!

बड़ा प्यारा गाँव था निशा का ! नदी, पहाड़, जंगल, हरियाली – वो सब था – जिसके लिए गर्व कर सकती थी वो !
पास कस्बे को जोड़ने वाली एक […]

2021-04-30T08:16:03+00:00By |

रेत में ठिकाने और फ्लाई ओवर की छाँव

1.       छत की ख्वाहिश लाज़मी है मगर बारिश के बगैर बसर कहाँ ,

ऊँची इमारत पसंद है मगर फूटपाथ के बगैर शहर कहाँ

मस्जिदों का नाम बहुत है मगर गरीब की दुवाओं के बगैर असर कहाँ ,

कातिल को रातों रोते […]

2021-05-28T08:32:50+00:00By |

Shehar Ko Zinda Rahne Do…

सड़क की चीखें..जब कानों को काटती नहीं..

तो एक अजीब सा कोलाहल

रेंगता है मन में…

तनाव ढीलता है

तो कमज़ोरी कसने लगती है

ऑक्सिजन की ओवर सप्लाइ

फेफड़ों को डसने लगती है…

ऐसा लगता है…

जैसे शहर मरने लगा है मुझ में..

पहाड़ों से उलझे तारों को देख […]

2021-05-28T08:22:28+00:00By |
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