Sapno Ka Ek Parinda

सपनों का एक परिंदा
हर पल चला उड़ता,
नई नई गलियों में
मंज़िलें नई ढूंढता.

ऊँची ऊँची इमारतों में…
न मिला आशियाँ,
भूला इस क़दर कि
खो दिया आसमाँ

सपनों का एक परिंदा
हर पल चला उड़ता,
नई नई गलियों में
मंज़िलें नई ढूंढता

[…]

2021-05-28T09:20:08+00:00By |

रेत में ठिकाने और फ्लाई ओवर की छाँव

1.       छत की ख्वाहिश लाज़मी है मगर बारिश के बगैर बसर कहाँ ,

ऊँची इमारत पसंद है मगर फूटपाथ के बगैर शहर कहाँ

मस्जिदों का नाम बहुत है मगर गरीब की दुवाओं के बगैर असर कहाँ ,

कातिल को रातों रोते […]

2021-05-28T08:32:50+00:00By |

Bade Hokar

Kya banunga bade hokar ,
Sochta tha bachpan mein.
Kabhi police ki wardi mein,
Toh kabhi badey pardon par,
Dekhta tha khud ko
na jaane kitne rangon mein..Ab jo kaam main karta hun,
Kehata hun sab se badhiya hai,
Sach poocho toh yeh kewal,
2 paison ka ek […]

2021-05-28T08:25:54+00:00By |

Shehar Ko Zinda Rahne Do…

सड़क की चीखें..जब कानों को काटती नहीं..

तो एक अजीब सा कोलाहल

रेंगता है मन में…

तनाव ढीलता है

तो कमज़ोरी कसने लगती है

ऑक्सिजन की ओवर सप्लाइ

फेफड़ों को डसने लगती है…

ऐसा लगता है…

जैसे शहर मरने लगा है मुझ में..

पहाड़ों से उलझे तारों को देख […]

2021-05-28T08:22:28+00:00By |

Darwaaze

Zindagi ke kai dwar khole
Kai raah dikhaayi
Jab koi museebat aayi
To jhat band kar khud ko…
Kaat diya zamaane se…
Aur khade ho gaye
Rok kar raasta

latka kar apni saankhalo se
Aage peechhe khoob jhulaaya
Der raat kabhi jo lauta
Apne band tevar se
Khoob rulaaya

Umra ho gayi […]

2021-04-29T09:28:38+00:00By |

प्यार भी बहा होगा…

बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो सभी ने होगा
कहा किसी से न होगा

लहू से सने हैं हाथ तो
ज़रूरी नहीं वो क़ातिल
गोलियाँ खाके गिरते लोगों को
किसी ने तो संभाला होगा…

बहा है लहू अगर
तो प्यार भी बहा होगा
देखा तो […]

2021-04-29T09:17:04+00:00By |
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